आरवीजीपीपी 2022

राम नवमी महोत्सव

राम नवमी हिंदू त्योहारों में एक विशेष त्योहार है, जो माता कौशल्या और राजा दशरथ के पुत्र भगवान राम के जन्म का उत्सव है। इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर, हम छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में उत्सव मनाने के लिए एक साथ जुड़ रहे हैं, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में उन स्थानों में से एक महत्वपूर्ण स्थल है। जहां भगवान श्रीराम अपने वनवास के दौरान आए थे। छत्तीसगढ़ के ख्यातिपूर्ण राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में इस स्थान को एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।

शिवरीनारायण और शबरी की कथा

हिंदू पौराणिक कथाओं में राम का वनवास काल 14 वर्ष बताया गया है। माना जाता है कि राम ने अपने वनवास काल का 10 साल से भी अधिक समय पौराणिक दंडकारण्य वर्तमान छत्तीसगढ़ में बिताया। शिवरीनारायण उन स्थानों में से एक है जो माता शबरी के जन्म स्थान के कारण रामायण के साथ जुड़ा हुआ है।

शबरी भगवान राम की भक्त थीं और राम के दर्शन के लिए इस क्षेत्र में कई वर्षों तक प्रतीक्षा करती रही। राम के प्रति प्रबल भक्ति ने शबरी को राम का दर्शन कराया।

राम की भक्ति में अर्पित करने के लिए शबरी के पास पावन हृदय के अलावा और कुछ नहीं था। राम को कोई कड़वा या खट्टा बेर न मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए शबरी ने हर एक को चखने के बाद राम को मीठे बेर खिलाए। इस दृष्टांत पर लक्ष्मण ने कहा कि शबरी ने बेर जूठे कर दिए हैं, इसलिए वह राम के खाने योग्य नहीं है।

राम ने लक्ष्मण को शांत कराते हुए कहा कि "इतनी भक्ति के साथ अर्पित किए जा रहे बेर गए इन बेरी फलों के स्वाद के आगे कुछ भी नहीं हो सकता। उन्होंने भ्राता लक्ष्मण से भी शबरी के बेर चखने को कहा।

शिवरीनारायण में माता शबरी का एक प्राचीन मंदिर है।

रामनवमी महोत्सव एक दृष्टिकोण

रामनवमी के अवसर को तीन दिवसीय भव्य आयोजन में बदलना।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के गुणों को उजागर करने के लिए एक आदर्श पर्व मनाना।

राम राज्य के मूल्यों पर प्रकाश डालना।

छत्तीसगढ़ में तीर्थ पर्यटन को सुदृढ पहचान दिलाना।

आयोजन में स्थानीय कला, संस्कृति, रीति-रिवाजों, विरासत और प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के हुनर को नई पहचान देना।

स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करना।

छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना को राम के वनवास काल के प्रतीक के रूप में तैयार करने और इसे देश भर के पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रयासों पर प्रकाश डालना।।

मानस गायन जैसी अनूठी शैली के माध्यम से राम और रामायण के साथ मजबूत संबंध रखने वाली राम मंडलियों की उपस्थिति को उजागर करने और तीर्थ यात्रियों तथा पर्यटकों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति से अवगत कराना।

शिवरीनारायण में निर्मित प्रमुख आरवीजीपीपी सुविधाएं

भव्य प्रवेश द्वार

पर्यटक सूचना केंद्र

रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर

कैफेटेरिया

पार्किंग सुविधाएँ

कियोस्क के साथ घाटों का उन्नयन और सौंदर्यीकरण

राम, लक्ष्मण और शबरी की प्रतिमा की स्थापना

मॉड्यूलर दुकानें

श्री शिवरीनारायण मंदिर परिसर का उन्नयन और सौंदर्यीकरण

उद्घाटन - 8 अप्रैल

माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके/माननीय मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तीन दिवसीय समारोह का शुभारंभ करेंगे।

मानस मंडलियां राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी।

पद्मश्री ममता चंद्राकर द्वारा लोक संगीत की प्रस्तुति।

आयोजन बिंन्दू - 9 अप्रैल

माननीय अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा दूसरे दिन के समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

मानस मंडलियां राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी

प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल द्वारा भजन प्रस्तुति।

आयोजन बिंन्दू - 10 अप्रैल

प्रसिद्ध भजन गायक श्री दिलीप षड़ंगी द्वारा प्रस्तुति।

पद्मश्री अनूप जलोटा द्वारा भजन की प्रस्तुति।

माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तीन दिवसीय आयोजन के समापन समारोह की शुरुआत करेंगे।

भगवान राम पर फिल्म का प्रदर्शन।

मानस मंडली प्रदर्शन (शीर्ष पुरस्कार विजेता)

माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मानस गायन मंडली प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण।

बोधघाट में माननीय मुख्यमंत्री जी महानदी आरती में शामिल होंगे।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (खैरागढ़) के भूतपूर्व छात्रों द्वारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति।

आरवीजीपीपी और उसके गंतव्यों पर फिल्म।

माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शिवरीनारायण में राम वनगमन पर्यटन परिपथ कर अंतर्गत निर्मित विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे।

कलाकार

पद्मश्री अनूप जलोटा एक गायक और संगीतकार हैं, जो अपने भजनों और भक्ति गीतों के लिए सुप्रसिद्ध हैं। उन्हें भजन सम्राट के रूप में लोकप्रियता प्राप्त है।
अनुराधा पौडवाल एक ऐसी गायिका हैं, जिनके भजन पूरे भारत में लोकप्रिय हैं। पार्श्व गायिका के रूप में भी उन्हें ख्याति प्राप्त है।
पद्मश्री ममता चंद्राकर छत्तीसगढ़ की लोक गायिका हैं। उन्हें अक्सर छत्तीसगढ़ की कोकिला के रूप में जाना जाता है।
दिलीप षड़ंगी छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक गायक हैं। जिन्हें छत्तीसगढ़ के जसगीत सम्राट के रूप में भी जाना जाता है।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र एवं कलाकार एवं पंडित बिरजू महाराज के शिष्य चि. विश्वजीत चक्रवर्ती राष्ट्रीय स्तर पर कोरियोग्राफी के लिए प्रसिद्धि प्राप्त कलाकार हैं। संगीत विश्वविद्यालय के 15 भूतपूर्व छात्र कलाकारों के साथ राम शबरी के प्रसंग पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे।